Khan Sir के सफलता का राज | Motivational Story In Hindi
आज में आपको बताने बाला हूँ खान सर के सफलता का राज तो खान सर के बारे में सभी जानते है की खान सर को बहुत ही बड़ा कामयाबी मिली है और बहुत सारे लोगों को कोई मतलब नहीं है की खान सर क्या बने है या नहीं बने है लेकिन जो स्टूडेंट है उन्हें खान सर के बारे में जानना जरुरी है क्योंकी खान सर एक टीचर है तो टीचर और स्टूडेंट का बहुत पुराना रिश्ता है इसलिए खान सर जैसा आज है वैसा सुरु से नहीं थे खान सर गरीब परिवार से बिलोम करते थे
खान सर अपने लाइफ में गरीबी देखीं हैं मज़बूरी देखीं हैं लाचारी देखीं हैं ये सब तो कम हैं खान सर के लिए सबसे बड़ा मुसीबत था की अपने सामने देखता था की अपने से भी ज्यादा पढ़े लिखें को मगर फिर भी वो लोग इधर उधर भटकते थे खान सर को सोंच कर हैरानी होती थी की आखिर ये सब हो क्या रहा हैं क्या हम भी पढ़ लिख के इधर उधर घूमेंगे क्या हमें भी कोई काम नहीं मिलेगा क्या हमें भी कोई नौकरी नहीं मिलेगी क्या हमारा भी पढ़ाई लिखाई बेकार चला जायेगा ये सब हमेसा सोंचते रहते थे लेकिन एक दिन खान सर सोंच बिचार के एक फैसला किया अपने मन से की हमें लोगों के जैसा बनना हैं या सभी लोगों को अपने जैसा बना देना हैं बस इतना सोंचते ही खान सर को एक चाभी मिलगया
ये चाभी वो थी जो सफलता के राहों में बंद दरवाजे को खोलने के लिए था
अब ये चाभी खान सर को कामयाब कैसे बनाया चलए जानते हैं खान सर ने सोंचा जब हमें लोगों के जैसा नहीं बनना हैं और लोगों को अपने जैसा बना देना हैं तो मुझे ऐसा कौन सा काम करना होगा तो खान सर के मन में एक बात आया की जो लोग पढ़ लिख के इधर उधर घूम रहें थे कहीं न कहीं वो लोग नौकरी के लिए पढ़ाई किया होगा अगर वो लोग ज्ञान के लिए पढ़ाई करता तो कुछ न कुछ अपना बना के चलता तो खान सर को इस बात से एक सिख मिली और एक कड़क फैसला किया अपने मन से की अब समय नहीं हैं अब जो भी करना हैं अब रुकना नहीं हैं अब जितना भी समय हैं वो अपने पास हैं जब समय का साथ दोगे तो समय भी आपका साथ देगा तो ईश्वर येही पे मिल जाता हैं आपको
यानी अगर आप अच्छाई के लिए कोई काम करतें हो तो आपका राश्ता ईश्वर भी नहीं रोकेगा तो बाकि का क्या मजाल हैं तब खान सर हाजीपुर से पटना की और चल दिए पटना में पहुंचने के बाद बहुत जगह पर रूम के लिए गए तो कोई खान सर को मुस्लिम जान के रूम नहीं देता था तो कोई हिन्दू जान के रूम नहीं देता था तभी अचानक से एक जगह पर खान सर को एक रूम मिल गया तो खान सर ने रूम मालिक से बात किया की अब में इसी रूम में कोचिंग सेण्टर खोलूंगा और इसी रूम के अंदर रहूँगा तो रूम मालिक ने कहा ठीक हैं आप जो मर्जी करो आज से ये रूम अब आपका हैं यंहा पर चाभी की जरुरत पर गई तो खान सर ने थैंक्स बोले और उस रूम में रहने लगे और उसी रूम में कोचिंग सेण्टर भी चालू कर दिया लेकिन खान सर को यहाँ भी एक सिख मिली की न तो हमें हिन्दू बनने से फायदा हैं न तो मुस्लिम बनने से फयदा हैं अगर मुझे बनना हैं तो इंसान बनने से फायदा हैं लेकिन हार नहीं माना अपने रास्ते पे खुद चलते रहें और अपने कोचिंग सेण्टर में एक सूधार किया की पूरी दुनियाँ का जो भी जानकारी होता हैं अपने स्टूडेंट के सामने बताने लगा की देखो ये दुनियाँ कैसा हैं और इस धरती पे क्यों आये हो खान सर ये बात कभी नहीं बोलते हैं वो अपने मुंह से लेकिन खान सर का जो भी ज्ञान हैं वो इसी तरफ इसरा करतें हैं की इस धरती पे जितने भी लोग आये हैं वो अपना कर्म करने के लिए और कर्मो के बदौलत अपने हालातों को सूधारने के लिए इस बात से खान सर का कोचिंग सेण्टर बहुत सारे स्टूडेंट ज्वाइन करने लगे और खान सर को जगह की कमी पड़ी तो वो एक बड़ा सा हल ही ले लिए आज के टाइम में खान सर के जितना बड़ा कोचिंग सेण्टर सायद ही किसी का होगा
तभी खान सर ने एक यूट्यूब चैनल भी ओपन किया खान सर जो जानकारी अपने कोचिंग सेण्टर में देते थे वो जानकारी यूट्यूब पर भी देने लगे शुरुआत में तो खान सर का यूट्यूब चैनल नहीं चला लेकिन शुरुआत हमेशा खराब ही होता हैं मगर अंत सभी का अच्छा होता हैं अच्छा तभी होता हैं जब अच्छा करोगे समय के साथ साथ खान सर कोचिंग सेण्टर पर भी टाइम देतें रहें और यूट्यूब चैनल पर भी टाइम देतें रहें मगर फिर भी खान सर के मन में एक बात चलती रहती थी की लोगों के जैसा मुझे बनना भी नहीं हैं और लोगों को एक अलग मार्ग पर ले के जाना भी हैं लेकिन अभी भी बहुत सारे लोग अच्छे मार्ग को नहीं अपनाये हैं कहीं न कहीं मेरे से कोई गलती हो रहा हैं समय भी पास हो रहा हैं और काम बहुत ज्यादा हैं तो खान सर को यहाँ पर भी चाभी की जरुरत पड़ी खान सर के मन में एक विचार आता हैं किताब लिखने का तो खान सर दिन रात मेंहनत करके किताब लिखने लगे और सभी लोगों के घर घर कोरिअर के दवारा पहुंचवाने लगे खान सर अपने किताब का रेट 15 से 20 रुपये रखें हैं लेकिन में आपको बता दूँ की खान सर के मेंहनत के आगे 15 से 20 रुपये कुछ भी नहीं हैं तो पैसे का जिक्र कभी नहीं करना खान सर से आपको सच्चा ज्ञान मिलेगा बस यही सोंचना तो खान सर ने कोचिंग सेण्टर भी चालू रखा यूट्यूब चैनल भी चालू रखा और किताब लिख के लोगों के घर घर भेजने लगा तो इसी कारन से आज के टाइम में खान सर का कोचिंग सेंटर इतना बड़ा हैं की जगह कम पड़ रहें हैं और यूट्यूब चैनल पर 10 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हो गया और ज्यादा से ज्यादा किताब भी सेल्लिंग होने लगे और लोगों के अंदर एक अच्छा ज्ञान आना सुरु हो गया और खान सर का मकसद पूरा हो गया लोग पहले से अपने काम को करतें थे अब उसी काम को अच्छी तरिके से करतें हैं काम करना कोई बड़ी बात नहीं हैं लेकिन उसी काम को अच्छी तरिके से करना बड़ी बात हैं तो खान सर को जो चाभी मिले थे उसी चाभी से हर दरवाजे को खोलता गया जो सफलता के राहों में बंद मिलता गया मगर कभी हार नहीं माना तो अगर आप अच्छाई के लिए काम करतें हो तो सफलता भी आपके कदम चूमेंगे आपका राश्ता ईश्वर भी नहीं रोकेंगे तो बांकी का क्या मजाल हैं बस आपके पास हिम्मत हौसला और जूनून होना चाहिए
तो ये आँखों देखीं कहानी आपको कैसा लगा Comment Box में बताइये लिख के आज के लिए इतनाही अब मिलते हैं अगले पोस्ट में